Surah Al Qari'ah 101 | Hindi Translation | Text & Mp3 | सूरह अल-क़ारिअह तर्जुमे के साथ लिखा हुआ और सुन्ने के लिए | Hindi

Surah Al Qari'ah 101 | Hindi Translation | Text & Mp3 | सूरह अल-क़ारिअह तर्जुमे के साथ | लिखा हुआ और सुन्ने के लिए | Hindi 

बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम



सूरह अल-क़ारिअह [101]

यह सूरह मक्की है इस में 11 आयतें है।




﴾ 1 ﴿ वह खड़खड़ा देने वाली।

﴾ 2 ﴿ क्या है वह खड़ख़ा देने वाली?

﴾ 3 ﴿ और तुम क्या जानो कि वह खड़खड़ा देने वाली क्या है?[1]
1. ‘क़ारिअह’ प्रलय ही का एक नाम है जो उस के समय की घोर दशा का चित्रण करता है। इस का शाब्दिक अर्थ द्वार खटखटाना है। जब कोई अतिथि अकस्मात रात में आता है तो उसे दरवाज़ा खटखटाने की आवश्यकता होती है। जिस से एक तो यह ज्ञात हुआ कि प्रलय अकस्मात होगी। और दूसरा यह ज्ञात हुआ कि वह कड़ी ध्वनि और भारी उथल पुथल के साथ आयेगी। इसे प्रश्नवाचक वाक्यों में दोहराना सावधान करने और उस की गंभीरता को प्रस्तुत करने के लिये है।

﴾ 4 ﴿ जिस दिन लोग, बिखरे पतिंगों के समान (व्याकूल) होंगे।

﴾ 5 ﴿ और पर्वत, धुनी हुई ऊन के समान उडेंगे।[1]
1. (4-5) इन दोनों आयतों में उस स्थिति को दर्शाया गया है जो उस समय लोगों और पर्वतों की होगी।

﴾ 6 ﴿ तो जिसके पलड़े भारी हुए,

﴾ 7 ﴿ तो वह मनचाहे सुख में होगा।

﴾ 8 ﴿ तथा जिसके पलड़ हल्के हुए,

﴾ 9 ﴿ तो उसका स्थान ‘हाविया’ है।

﴾ 10 ﴿ और तुम क्या जानो कि वह (हाविया) क्या है?

﴾ 11 ﴿ वह दहक्ती आग है।[1]
1. (6-11) इन आयतों में यह बताया गया है कि प्रलय क्यों होगी? इस लिये कि इस संसार में जिस ने भले बुरे कर्म किये हैं उन का प्रतिकार कर्मों के आधार पर दिया जाये, जिस का परिणाम यह होगा कि जिस ने सत्य विश्वास के साथ सत्कर्म किया होगा वह सुख का भागी होगा। और जिस ने निर्मल परम्परागत रीतियों को मान कर कर्म किया होगा वह नरक में झोंक दिया जायेगा।

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